श्री महावीराय नमः
परम पूज्य श्री 108 हितेन्द्र सागर जी महाराज
*पूर्वजन्मों के संबंधों के बिना वर्तमान जीवन में किसी से घनिष्ठ मित्रता असंभव है। यह एक सच्चाई है। जब आप किसी के साथ मित्रता का अनुभव करते हैं, तो इसलिए कि आप उस आत्मा को पहले से जानते हैं और पूर्वजन्मों के आत्मीय संबंधों के कारण ही आप अपने मित्र से निकटता का अनुभव करते हैं।*
परम पूज्य श्री 108 हितेन्द्र सागर जी महाराज
*पूर्वजन्मों के संबंधों के बिना वर्तमान जीवन में किसी से घनिष्ठ मित्रता असंभव है। यह एक सच्चाई है। जब आप किसी के साथ मित्रता का अनुभव करते हैं, तो इसलिए कि आप उस आत्मा को पहले से जानते हैं और पूर्वजन्मों के आत्मीय संबंधों के कारण ही आप अपने मित्र से निकटता का अनुभव करते हैं।*
Namostu gurudev
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